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पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर


पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर


पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटेन की संसद के दो सदनों का सभा स्थल है। इनमें से एक है ''हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। यह लंदन शहर के हृदय माने जाने वाले वेस्टमिन्स्टर शहर में थेम्स नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह सरकारी भवन वाइटहॉल और डाउन स्ट्रीट तथा ऐतिहासिक स्थल वेस्टमिन्स्टर ऐबी के करीब है। यह नाम निम्न दो में से किसी एक संरचना को संदर्भित कर सकता है, द ओल्ड पैलेस, जो एक मध्यकालीन इमारत है जो कि 1834 में ही नष्ट हो गई थी और उसके स्थान पर बनने वाला न्यू पैलेस जो आज भी मौजूद है। लेकिन इसकी मूल शैली और शाही ठाठबाट पूर्ववत बनी हुई है।

इस जगह पर पहला शाही महल ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया था और 1512 में इस इमारत के नष्ट होने से पहले वेस्टमिन्स्टर ही लंदन के राजा का प्राथमिक लंदन निवास था। इसके बाद से ही यह संसद भवन के रूप में कार्य कर रहा है। 13 वीं शताब्दी से यहां संसद की सभाएं होती हैं और शाही न्याय पीठ एवं वेस्टमिन्स्टर हॉल भी यहीं पर है। पुनः पूरी भव्यता से बनाये गये इस संसद भवन में 1834 में भयानक आग लग गई। इस आग से जो इमारते बच गईं उनमें शामिल हैं वेस्टमिन्स्टर हॉल, द क्लॉइस्टर्स ऑफ सेंट स्टीफन्स, चैपल ऑफ सेंट मैरी अंडरक्राफ्ट और जूअल टॉवर.

महल के पुर्ननिर्माण की प्रतियोगिता में शिल्पकार चार्ल्स बैरी की जीत हुई और इस इमारत के निर्माण में उनकी अभिलम्ब गोथिक शैली को अपनाया गया। पुराने महल (अलग जूअल टॉवर के अपवाद के साथ) के अवशेषों को इनके स्थान पर बड़े एवं भव्य रूप में बनाया गया, जिसमें 1100 कक्ष शामिल हैं। ये कक्ष आंगन की दो श्रृंखलाओं के इर्द गिर्द बनाये गये हैं। इस नये महल का कुछ भाग3.24 हेक्टेयर (8 एकड़) थेम्स पर बनाया गया है, जिसका प्रमुख हिस्से का मुंह 265.8-मीटर (872 फीट) नदी की तरफ है। बैरी की सहायता अगस्तस डब्ल्यू. एन. पुगिन ने की थी जो गोथिक शिल्पकला के एक मुख्य अधिकारी थे। उन्होंने ही महल की साज सज्जा के लिए डिजाइन तैयार किये थे। 1814 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और तीस साल तक चला। इसके निर्माण में कई बाधाएं आईं, दोनों मुख्य शिल्पकारों की मृत्यु हो गई, तो कभी इसमें बहुत अधिक विलंब और धन लगा। बीसवीं शताब्दी तक भी अंदर की साज सज्जा का काम रूक रूक चलता रहा। लंदन के वायु प्रदुषण के कारण इसके संरक्षण का कार्य तब से चल ही रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब 1941 में इसके कॉमन चैंबर में बमबारी हुई थी तब से यहां पर पुर्ननिर्माण का काम चल रहा है।

यह महल लंदन के राजनीतिक जीवन का केंद्र रहा है। वेस्टमिन्स्टर लंदन की संसद के लिए मेटोम बन चुका है। इसके नाम पर ही सरकार के वेस्टमिन्स्टर तंत्र का नाम पड़ा है। विशेष रूप से क्लाक टॉवर, जो अपनी मुख्य घण्टे के कारण बिग बेन के रूप में जाना जाने लगा है, लंदन का प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल और शहर का मुख्य पर्यटन केंद्र है। इसे संसदीय लोकतंत्र का प्रतीक भी कहा जाता है। 1970 से ही पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर उच्चकोटि की इमारत मानी जाती है और 1987 से यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों का हिस्सा है।

इतिहास

पुराना महल

पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर मध्य काल के दौरान अपनी स्थिति के कारण कूटनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह थेम्स नदी के किनारे बना हुआ था। मध्यकाल में थ्रोनी आईलैंड के नाम से मशहूर इस जगह को 1016 से 1035 में कैनूट द ग्रेट ने अपना शाही महल बनाया हुआ था। सेंट एडवर्ड कंफ़ेसर ने इंग्लैंड के राजा सैक्सन के अंत से पहले थ्रोनी द्वीप पर एक शाही महल बनवाया. यह लंदन शहर से पश्चिम की तरफ था। इसे ठीक उसी समय बनाया गया था जब उसने वेस्टमिन्स्टर ऐबी बनवाया था। थ्रोनी द्वीप और उसके आसपास का क्षेत्र जल्दी ही वेस्टमिन्स्टर कहलाने लगा (शब्द वेस्ट मिन्स्टर का संक्षिप्त रूप)। इन इमारतों का उपयोग ना तो सैक्सन ने किया और ना ही विलियम प्रथम ने। सबसे लंबी अवधी तक टिका रहना वाला महल का हिस्सा (वेस्टमिन्स्टर हॉल) विलियम 1 से लेकर राजा विलियम 2 के समय तक था।

मध्य काल के अंत तक पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर शासक का मुख्य गृह था। संसद का पहले का जो प्रारूप था उसमें इसी जगह वेस्टमिन्स्टर हॉल में क्यूरिया रेगिस (शाही सभा) एकत्रित हुआ करती थी। इंग्लैंड की पहली अधिकारिक संसद द मॉडल पार्लियामेंट की बैठक इस महल में 1295 में हुई. लगभग इसके बाद की सभी संसद वहां पर सभा कर चुकी है।

1530 में राजा हेनरी VIII ने कारडिनल थॉमस वोलसे से यॉर्क प्लेस हथिया लिया था। वह एक शक्तिशाली मंत्री था जिसने अपने राजा का समर्थन खो दिया था। हेनरी ने इसे पैलेस ऑफ़ वाइटहॉल का नाम देकर अपना मुख्य गृह बना लिया। यद्यपि वेस्टमिन्स्टर आधिकारिक तौर पर शाही महल ही रहा। इसे संसद के दोनों सदनों एवं शाही न्यायालयों द्वारा इस्तेमाल किया जाता था।

क्योंकि वास्तव में यह एक शाही गृह था, इसलिए यहां पर दोनों सदनों के किसी अन्य कार्य के लिए कोई कक्ष नहीं बनाया गया था। राज्य के मुख्य महोत्सव रंगे हुए कक्षों में मनाये जाते थे। हाउस ऑफ लॉर्ड्स की बैठक वास्तव में रानी के कक्ष में होती थी। यह शालीन हॉल इमारत के दक्षिण सिरे पर स्थित था जिसे मध्यकाल में बनाया गया था। 1801 में उच्च सदन बड़े सफेद कक्ष में स्थानांतरित हो गया। यह पहले कोर्ट ऑफ रिक्वेस्ट में हुआ करता था। जिसे 18 वीं शताब्दी में राजा जॉर्ज तृतीय ने बनवाया था। इसी समय आयरलैंड के साथ संधि भी हुई थी। यह कदम इसलिए उठाया गया क्यों कि पूर्व कक्ष में बढ़े हुए मित्र समूह के लिए जगह नहीं थी।

हाउस ऑफ कॉमन्स के पास अपना कोई कक्ष नहीं था, इसकी सभाएं कभी कभी वेस्टमिन्स्टर ऐबी के चैप्टर हाउस में हुआ करती थीं। कामन्स ने पैलेस में स्टीफन चैपल के रूप में अपने लिये एक स्थाई जगह बना ली। स्टीफन चैपल एडवर्ड VI के शासन के समय शाही पैलेस का पूर्व चैपल था। 1547 में यह इमारत कामन्स के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो गयी। इसके लिए सेंट स्टिफन कॉलेज को तोड़ना पड़ा। अगली तीन शताब्दियों में स्टिफन के चैपल में कई बदलाव किये गये, ताकी निचले सदन की सुविधा बरकरार रहे। फिर एक दम से मध्यकाल के उसके रूप को बिल्कुल ही खत्म कर दिया गया।

क्योंकि संसद को अपने सीमित जगह मे कार्य करने में परेशानी हो रही थी इसलिए पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर में 18 वीं शताब्दी के बाद से कई प्रकार के परिवर्तन किये गये। एक पूरी तरह से नए महल बनाने की बात को अनसुना कर दिया गया, इसके स्थान पर इसमें नई इमारतें जोड़ी गईं. 1755 और 1770 के मध्य एक नया पश्चिमी मुख्य द्वार बनाया गया। यह दरवाजा सेंट मार्गरेट स्ट्रीट की ओर खुलता था। यह पैडेलियन शैली में बनाया गया था। अब सामुदायिक कक्ष एवं संरक्षण के लिए काफी जगह हो गयी थी। 1795 में हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर के लिए एक नया आधिकारिक निवास स्थान बनाया गया। यह सेंट स्टीफन चैपल के साथ सटा हुआ था। 1799 और 1801 के बीच नये गोथिक शिल्पकार जेम्स व्याट ने दोनो सदनों, हाउस ऑफ लार्ड और हाउस ऑफ कामन्स में अपना काम शुरू कर दिया.

1824 और 1827 के बीच महल की पूरी इमारत को एक बार फिर से बनाया गया। और इस बार यह काम सर जॉन सॉन ने किया। मध्य कालीन हाउस ऑफ लाडर्स का चैंबर जो कि 1650 में गन पाउडर प्लॉट के फेल होने पर निशाना बना था। उसे नवीनीकरण के इस काम को अंजाम देने के लिए तबाह कर दिया गया। ताकि इस जगह के दक्षिण सिरे पर एक नया शाही गलियारा और भव्य प्रवेश द्वार बनाया जा सके। सॉन ने जो कार्य महल में किये उनमें संसद के दोनो सदनों के लिए पुस्कालय की नयी सुविधा एवं राजा की कानून पीठ और उच्च न्यायाल्य के लिए नये कक्ष का प्रबंध करना शामिल था। सॉन द्वारा की नयी कलात्मक शिल्पकारी को लेकर कई विरोधाभास भी उठने शुरू हो गये। जो लोग मूल इमारत के गोथिक कला का समर्थन करते थे वो इसके विऱोधी बन गये।

आग और पुनर्निर्माण

16 अक्टूबर 1834 को पैलेस में आग लग गई जब लाठी भंडार में रखे आग के स्टोव के अत्यधिक तप जाने के कारण हाउस ऑफ लाडर्स के कक्ष ने आग पकड़ ली. इसके परिणाम स्वरूप संसद के दोनो सदन नष्ट हो गये और आस पास की अन्य इमारतें भी नहीं बचीं. आग बचाव दल की सर्तकता के कारण और हवा की दिशा के अनुकूल होने की वजह से वेस्टमिन्स्टर हॉल बच गया। द जूअल टॉवर, द अंडर क्राफ्ट चैपल, द क्लोइस्टर्स और चैपटर हाउस ऑफ़ सेंट स्टिफन, ये महल के वे अन्य हिस्से हैं जो कि इस आपदा से बच गये थे।

आग लगने के तुरंत बाद ही राजा विलियम IV ने अपना बकिंघम पैलेस संसद को देने की पेशकश की, जो बनकर लगभग तैयार हो चुका था। इसके पीछे कारण यह भी था कि वह उसे अपने निवास स्थान के रूप में पसंद नहीं करता था। इस इमारत को संसद के कार्य के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। इसलिए इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया गया। चैरिंग कार्स और जेम्स पार्क पर भी विचार नहीं बन पाया। वेसमिन्स्टर से एतिहासिक और राजनीतिक जुड़ाव ही स्थानांतरण के लिए ताकतवर साबित हुआ। जबकि वहां कई कमियां थीं। अब प्राथमिकता इस बात को दी जा रही थी कि जल्द से जल्द संसद को उसका स्थान मिल जाये। इसलिए हाउस ऑफ लार्ड तथा हाउस ऑफ कामन्स के लिए जल्दी में चित्रकला वाले कक्ष और सफेद कक्ष को तैयार किया गया। इसके लिए दिशा निर्देशन बोर्ड ऑफ वर्कस के बचे हुए शिल्पकार सर रॉर्बट स्मिर्क ने किया। फरवरी 1835 सदन चलाने के लिए कक्ष तैयार करने का काम जल्दी जल्दी किया गया।

महल की नई संरचना के अध्ययन के लिए एक शाही संगठन नियुक्त किया गया इसके प्रास्तवित शैली पर भी लोगों के बीच लोगों के बीच बहस होने लगी। अब यह नई उत्तम पद्यति जो कि संयुक्त राज्य के फेडरल कैपिटल और व्हाइट हाउस जैसी थी, उस समय काफी प्रचलित हुई. यह शैली पहले सॉन द्वारा पुराने महल के कुछ हिस्से में भी इस्तेमाल की जा चुकी थी। इसे नये प्रारूप में क्रांति और गणतंत्र के संकेत थे। जबकि गोथिक संरचना में संरक्षण के मूल्य के मूल्य छिपे थे। इस आयोग ने 1835 में ही यह घोषणा कर दी थी कि इस इमारत का प्रारूप या तो गोथिक या फिर एलिजाबेथन होगा. इस शाही आयोग ने सभी वास्तुकारों को इस दृष्टि से योजना बनाने को कहा.

1836 में 97 परस्पर विरोधी योजनायें पढ़ने के बाद शाही आयोग ने गोथिक शैली का महल बनाने के लिए बैरी की योजना को चुना. इसकी नींव तो 1840 में ही डाल दी गई थी। लार्ड कक्ष 1847 तथा कामन्स कक्ष 1852 में बनकर तैयार हुआ (तब बैरी को सामंत की उपाधी मिली). यद्यपि इस कार्य के लिए 1860 कर्मचारी लगे थे फिर भी यह कार्य एक दशक तक पूरा नहीं हो पाया। बैरी जिसकी अपनी शिल्पकला गोथिक कम और पांरपरिक ज्यादा है। इसने यह नया पैलेस बनाया संतुलन के नये नियमों के आधार पर. वह अंदर की साजसज्जा और भव्य निर्माण के लिए अगस्टस पुगिन पर निर्भर रहा. जिसमें की दीवारों की साज, नक्काशी का काम, टाईल लगाने का काम, फर्नीचर आदि शामिल थे।

हाल का इतिहास

दूसरे विश्व युद्ध (द ब्लिट्ज़ देखें) के दौरान जब जर्मनी ने लंदन पर बमबारी की थी तब अलग अलग अवसर पर चौदह बार पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर भी इस बमबारी का शिकार हुआ था। 26 सितंबर 1940 में पुराने पैलेस में एक बम गिरा था। इस बमबारी में सेंट स्टिफन पोर्च की दक्षिणी दीवार नष्ट हो गयी थी और साथ ही इसका पश्चिमी मुखद्वार भी नष्ट हो गया था। द लॉइन रिचर्ड की प्रतिमा भी इस जोरदार विस्फोट से अपने स्थान से कुछ उपर उठ गया थी और उसकी उपर की ओर उठी हुई तलवार झुक गई। इस प्रतिमा को लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। कहते हैं कि "आक्रमण की स्थिती में ये थोड़ा झुक भी जाये पर टूटेगी नहीं". एक दूसरा बम जो 8 दिसम्बर को गिरा था, उसने कई मठों को तबाह कर दिया.

10 /11 मई 1941 को सबसे ज्यादा खतरनाक हमला हुआ था, तब पैलेस को कम से कम 12 झटके लगे थे और तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी। एक आग लगाने वाला बम हाउस ऑफ कामन्स के कक्ष पर आ गिरा और वहां पर आग लगा दी. दूसरे बम ने वेस्टमिन्स्टर हॉल की छत को दहला दिया. आग बचाव दल दोनों को ही न बचा पाया और यह निर्णय लिया गया कि कम से कम अंदल हॉल को सुरक्षित रखने का काम किया जाये. इस कार्य में ये लोग सफल हुए थे। लेकिन कॉमन्स कक्ष पूरी तरह से नष्ट हो चुका था और सदस्य लॉबी भी नहीं बची थी। एक बम लॉर्ड के कक्ष में भी गिरा था, लेकिन ज़मीन पर बिना फटे आगे निकल गया। या तो कोई छोटा बम उपर क्लाक टावर से टकराया था या फिर कोई विमान भेदी छत के छज्जे पर गिरा था। जिस कारण से छत को काफी क्षति पहुंची थी। घड़ी का शीशा पूरी तरह से नष्ट हो चुका था। लेकिन इसके हाथ और घंटी अब भी काम कर रही थीं और अब भी यह बड़ी घड़ी बिल्कुल सही वक्त बता रही थी।

कामन्स चैंबर के नष्ट होने के बाद, लार्ड ने स्वयं का वाद विवाद कक्ष कामन्स के इस्तेमाल के लिए दे दिया . और लार्ड के स्वयं के इस्तेमाल के लिए क्विन्स रोबिंग रूम को कुछ समय अपने प्रयोग में लाने के लिए लार्ड ने रख लिया। युद्ध के बाद कामन्स कक्ष को शिल्पकार सर गिल्स गिलबर्ट स्कॉट के निर्देशन पर फिर से बनाया गया। इस बार यह बहुत ही साधारण पुराने कक्ष की शैली में बनाया गया। 1950 में यह काम खत्म हुआ। अब दोनों सदनों को अपना अपना कक्ष मिल गया।

अब कार्यालय के लिए जगह की आवश्यकता बढ़ने लगी और पार्लियामेंट ने पास के नॉरमन शॉ इमारत में सन् 1975 में कुछ जगह का अधिग्रहण कर लिया। और हाल ही में सन् 2000 में कस्टम बिल्ट पोर्टक्यूलिस हाउस बनकर तैयार हुआ है। इस बढ़त से सभी सांसदों के लिए अपना खुद का कार्याल्य बनाने की जगह हो गयी है।

बाहरी स्वरूप

सर चालर्स बैरी ने पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर के लिए जो सहयोगी डिजाइन तैयार किया था। इसमें 15 वीं शताब्दी में मशहूर अभिलम्ब गोथिक शैली का प्रयोग था और इसी से 19 वी शताब्दी में गोथिक शैली की वापसी हुई थी। बैरी एक पांरपरिक शिल्पकार थे। लेकिन इनकी गोथिक शिल्पकार अगस्टस पुगिन ने सहायता की थी। ग्यारहवी शताब्दी में बना वेस्टमिन्स्टर हॉल जो 1834 की आगजनी को झेल चुका है। इस हॉल का डिजाइन बैरी ने ही तैयार किया था। पुगिन इस काम के नतीजे से खुश नहीं थे। मुख्य रूप से बैरी द्वारा तैयार किये गये डिजाइन की योजना से वे असंतुष्ट थे। उन्होनें इसके लिए ये टिप्पणी भी की थी कि सभी ग्रेसियन, सर, यह पारंपरिक इमारत पर ट्यूडर शैली का विवरण है".

पत्थर का काम

इस इमारत पे जो पत्थर का काम किया गया था वो वास्तव में ऐंसटन था। यह एक बालू के रंग का मैगनजियन लाइमस्टोन है। जिसकी खान दक्षिणी योर्कशायर के ऐंसटन गांव में है। यह पत्थर हांलाकि प्रदूषण और दूसरे इस्तेमाल हो रहे कम गुणवत्ता वाले पत्थरों के कारण जल्दी ही खराब होने लगा. यद्यपि यह सब खराबियां जल्द से जल्द 1849 तक ठीक कर ली गईं थीं और इसके बाद 19 वीं शताब्दी में कुछ नहीं किया गया था। 1900 के दौरान एक चीज़ तो बिल्कुल साफ हो गयी थी कि पत्थरों की नक्काशी का कुछ काम अब बदलना पड़ेगा. 1928 इस बात कि आवश्यकता महसूस की गई कि अब रूटलैंड के शहद से रंग वाले लाइमस्टोन पत्थर क्लीपशैम का प्रयोग कर खराब पड़े एंन्सटन को बदला जाये. यह परियोजना 1930 में शुरू हुई थी, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के कारण इसका काम रूक गया और 1950 में ही यह काम समाप्त हो पाया। 1960 तक प्रदूषण अब फिर से प्रभावी होने लगा. 1981 में टावर्स और बाहरी उन्नयन के पत्थरों के संरक्षण की एक योजना शुरू हुई. इस योजना की समाप्ति 1994 में हुई. तब से हाउस के अधिकारियों ने कई भीतरी बरामदों की बाहरी मरम्मत के लिए योजनायें शुरू की हैं। यह कार्य सन् 2011 में भी जारी है।

टावर्स (मीनारें)

वेस्टमिन्स्टर पैलेस मे तीन मुख्य स्तम्भ हैं। इनमें से सबसे बड़ा और लंबा 98.5-मीटर (323 फीट)विक्टोरिया टावर है। जिसमें कि पैलेस का दक्षिणी पश्चिमी कोना आता है। उस समय के शासक विलियम 4 के शासन के सम्मान में इस टावर को बैरी के ही वास्तविक डिजाइन में रखा गया था। इसको बैरी ने सबसे ज्यादा यादगार बनाने की कोशिश की थी। यह शिल्पकला जो विधायी किले की देखरेख के लिए है, इसे ग्रेट स्क्वाएर टॉवर कहा जाता है (योजना की प्रतिस्पर्धा में पहचान चिन्ह के रूप पोर्टिक्योलिस के चुनाव में एक स्वर होना) और यह पैलेस की शाही प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और पार्लियामेंट के पुस्तक संग्रह के लिए भी यह एक अग्नि निरोघक का काम करता है। इस विक्टोरिया टॉवर को कई बार पुनः बनाया गया और इसकी ऊंचाई बहुत तेजी से बढ़ी. 1858 में पूरा बनने तक यह संसार की सबसे बड़ी धर्मनिर्पेक्ष इमारत बन गया था।

टावर के तल पर शासक प्रवेश द्वार है। इस पैलेस में प्रवेश करने के लिए और पार्लियामेंट को खोलने के लिए राजा द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह 15.2-मीटर (50 फीट)ऊँचा मेहराबदार पथ कलाकृतियों से सजाया गया है, जिनमें सेंट जोर्ज, एंड्रयू और पैटरिक के साथ-साथ रानी विक्टोरिया के पुतले भी शामिल हैं। इस विक्टोरिया टावर के मुख्य हिस्से में संसदीय लेखागार के तीस लाख दस्तावेज हैं। 8.8 किलोमीटर (5.5 मील) इनमें संसद के 1497 से अब तक के संसद अधिनियम की सभी मुख्य पाण्डुलिपियां मौजूद हैं और अन्य मुख्य पाण्डुलिपियां जैसे कि बिल ऑफ राइट्स की मूल प्रतियां एवं किंग चालर्स के डैथ वारंट से संबंधित प्रतियां भी यहां मौजूद हैं। सबसे उपर लौहे से बनी पिरामिड नुमा छत 22.3-मीटर (73 फीट) ध्वज फहराने की जगह है। यहां पर राजा की उपस्थिती में रॉयल स्टैंडर्ड (राजा का व्यक्तिगत झंडा) फहराया जाता है। झण्डा दिवस के अवसर पर तथा जिस दिन संसद के किसी भी एक सदन की सभा होती थी, उस दिन सबसे उपर जाकर संघीय झंडे को फहराया जाता है।

इस पैलेस के दक्षिणी सिरे पर एक बहुत ही चर्चित टावर ही जिसे क्लाक टावर के नाम से जाना जाता है, इसे बिग बेन भी कहते हैं। यह 96.3 मीटर (316 फीट) के विक्टोरिया टावर से थोड़ा ही छोटा है लेकिन बहुत ही पतला है। इसमें वेस्टमिन्स्टर की बड़ी वाली घड़ी है। जिसे कि एडवर्ड जॉन डेंट ने बनाया था और इसका डिजाइन शौकिया होरोलोजिस्ट एडमंड बैकेट डेनिसन ने तैयार किया था। एक क्षण में ही इसकी घण्टी पूरी तरह बज उठती है, इस बड़ी घड़ी की खासियत यह है कि इसका समय बिल्कुल सटीक होता है, जिसे 19 वीं शताब्दी के घड़ी बनाने वाले कठिन समझते थे। और 1859 से जब से यह अस्तित्व में आई है इस पर भरोसा कायम है। इसका समय व्यास के मापन के अनुसार चार डायल 7 मीटर (23 फीट) में दिखाया जाता है, जो कि दूधिया रंग के शीशे के बने होते हैं और रात के समय यह पीछे से चमकता है। इसका घण्टे वाला हाथ 2.7 मीटर (8 फीट 10 इंच) लंबा है और मिनट वाला हाथ 4.3 मीटर (14 फीट) छोटा है।

पांच घंटियां घड़ी में घंटा घर के उपर की ओर लटकी हैं। चार चतुर्थांश घंटियां वेस्टमिन्स्टर के घंटानाद को हर घंटे के हर चौथे भाग में बजाती रहती हैं। सबसे बड़ी घंटी जब घंटा बजाती है तो उसे आधिकारिक भाषा में ग्रेट बेल ऑफ वेस्टमिंस्टर कहतें हैं। सामान्यता इसे बिगबेन भी कहते हैं। जो कि अनिश्चित उद्गमों को दिया गया नाम है, यह नाम समय के साथ साथ टावर के लिए इसतेमाल होने लगा. वो पहली घंटी जिसे यह नाम दिया गया था, वह परिक्षण के दौरान ही टूट गई और उसे फिर नये रूप में ढाला गया. जो बेल आज हमारे सामने है उसमें तो स्वयं ही एक दरार आ गई। जिसके कारण इसकी ध्वनी भी कुछ अलग हो गयी है। अगर इसका भार देखा जाये तो यह ब्रिटेन की तीसरी सबसे बड़ी घड़ी है 13.8 टन (13.6 लंबे टन). क्लाक टावर के सबसे उपर जो लालटेन रखी है वह आयरटन लाइट है, यह केवल तभी जलती है जब अंधेरा हो जाने के बाद भी संसद के किसी न किसी सदन की सभा जारी रहती है। यह रानी विक्टोरिया के अनुरोध पर 1885 में लगाई गई थी ताकि वे बकिंघम पैलेस से भी यह देख सकें कि सभी सदस्य काम पर हैं या नहीं। इसका नामकरण पहले कमिशनर ऑफ वर्क एकटन स्मी आयरटन के नाम पर किया गया था।

महल के तीनो स्तम्भों (91.4 मीटर (300 फीट) पर) में सबसे छोटा स्तम्भ ऑक्टागोनल सेंट्रल टावर इमारत के बिल्कुल मध्य में है। यह मध्य की लॉबी के ठीक उपर है। यह डॉ॰ डेविड बोसवेल के जोर देने पर जोड़ा गया था। वे पार्लियामेंट के नये हाउस की वेंटिलेशन के इंचार्ज थे। इनकी योजना के अनुसारी ही पैलेस के मध्य में एक बड़ी चिमनी बनाई गई थी। जिसके लिए इनका कहना था कि पैलेस के चारों तरफ की चारों से जगह जल रही आग से उत्पन्न प्रदुषित और गर्म हवा इस चिमनी के माध्यम से बाहर निकल जाएगी. टावर की जगह बनाने के लिए बैरी पर इस बात का जोर दिया गया कि उसने लॉबी की ऊची छतों की जो योजना बनाई हुई थी। उन छतों को नीचा ही रखा जाये. और इसकी खिड़कियों की ऊचांई को भी कम किया जाये. हांलाकि यह स्तम्भ भी महल की बाहरी संरचना के लिए एक अच्छा मौका साबित हुआ। बैरी ने इसके लिए एक मीनार का प्रारूप सोच रखा था ताकि इन बड़े बड़े पार्श्व स्तम्भों को संतुलित किया जा सके. आखिर में सेंट्रल टावर अपने उद्देश्य में पूरी तरह से विफल रहा. लेकिन यह कार्य ध्यान देने लायक था क्यों कि यह पहला मौका था, जब यांत्रिक सेवाओं का शिल्पकला पर सीधा प्रभाव पड़ रहा था।

शिखर छूते कंगुरे जो खिड़कियों के बाड़े के बीच तथा महल के सामने से उठते हुए ऊपर की ओर जा रहे हैं, यह आकश के क्षितिज से लगती इमारत को सजीव बनाते हैं। सेंट्रल टावर की तरह ही यह भी कुछ व्यावहारिक कारणो से ही जोड़ा गया है, यह भी प्रकाश के आवागमन के लिए रास्ता बनाता है।

साँचा:Sectionवेस्टमिन्स्टर की कुछ और विशेषताएं भी हैं, वे भी टावर ही कहलाती हैं। सेंट स्टीफन टावर पैलेस के पश्चिमी मुख्य द्वार पर लगा हुआ है। वेस्टमिन्स्टर हॉल और पुराने पैलेस यार्ड के बीच पार्लियामेंट हाउस के लिए पब्लिक ऐंट्रस है, इसे सेंट स्टीफन्स ऐंट्रस कहते हैं। नदी के मुहाने के दक्षिणी और उत्तरी सिरे पर जो गुम्मबजदार इमारत है उसे स्पीकर्स टावर और चांसलर्स टावर कहते हैं. पैलेस के पुर्ननि्र्माण के समय दोनो सदनों का संचालन करने वाले अधिकारियों के बाद हाउस ऑफ द कामन्स के स्पीकर और लॉर्ड हाई चांसलर ही आते थे। स्पीकर टावर में स्पीकर हाउस और कामन्स के स्पीकर का आधिकारिक सदन आता है।

मैदान

पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर के चारों ओर कई छोटे छोटे बगीचे हैं। पैलेस की दक्षिणी नदी के किनारे विक्टोरिया टावर गार्डन है। यह गार्डन लोगों के लिए एक सरकारी पार्क के रूप में खुला है। ब्लैक रोड गार्डन (इसका नाम ब्लैक रोड के जेंटलमैन अशर के ऑफिस के नाम पर रखा गया है) आम लोगों के लिए बंद है और यह एक नीजी प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। महल के एक दम सामने ओल्ड पैलेस यार्ड है, इसके मार्ग पर मजबूत सुरक्षा ब्लाक लगे हुए हैं (सुरक्षा नीचे देखें). क्रोम वेल ग्रीन (यह भी अग्रभाग पर ही स्थित है और न्यू विजीटर सेंटर के निर्माण के लिए होर्डिंग के द्वारा इसे सन् 2006 में बंद कर दिया गया था) न्यू पैलेस यार्ड (दक्षिण की ओर) और स्पीकर्स ग्रीन (महल के दक्षिण की तरफ), ये सभी निजी हैं और आम लोगों के लिए बंद हैं। कॉलिज ग्रीन, हाउस ऑफ द लार्ड के दूसरी तरफ, यह एक छोटा त्रिकोणीय पार्क है, सामान्यता इसे राजनीतिज्ञों के साक्षात्कार के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

आंतरिक संरचना

पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर में 1100 कक्ष, 100 सीढ़ियां और4.8 किलोमीटर (20,000 फीट) 91 गलियारे हैं, जो कि चार तलों में फैले हुए हैं। इसके ग्राउण्ड फ्लोर में कार्यालय, डायनिंग रुम और बार हैं, पहला तल (जो कि मुख्य तल कहलाता है) में पैलेस के मुख्य कक्ष, वाद विवाद कक्ष, लॉबी और पुस्तकालय हैं। शीर्ष दो मंजिलों को कार्यालय और समिति कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

अभिन्यास

एक मुख्य प्रवेश द्वार के स्थान पर इस पैलेस में इमारत को इस्तेमाल करने वाले अलग अलग दलों के लिए अलग प्रवेश द्वार बनाया गया है। विक्टोरिया टावर के तल पर टावर के दक्षिण पश्चिमी कोने की ओर शासक प्रवेश द्वार है और यह शाही जुलूस का शुरूआती बिन्दु है संसद के राज्य उद्धाटन के समय यह स्थान राजशाही द्वारा शाही रीतिरिवाजों के लिए अनुगामी कहलाता है। इसमें शाही सीढ़ियां, नॉरमन बरामदा, रोबिंग रूम, शाही गैलेरी, पिंस का कक्ष और इन सबसे उपर है लॉर्ड का कक्ष जहां पर सभी शाही रस्में होती हैं। हाउस ऑफ द लॉर्ड के सदस्य कुलीन प्रवेश द्वार का प्रयोग करते हैं, जो कि पुराने पैलेस यार्ड के सामने है। यह पत्थर वाले बरामदे से होकर जाता है और प्रवेश हॉल में जाकर खुलता है। यहां से सीढ़ियां निकलती हैं यह सीढ़ियां गलियारे से राजकुमार के कक्ष की ओर ले जाती हैं।

संसद के सदस्य, सदस्य प्रवेश द्वार से इमारत में प्रवेश करते हैं। सदस्य प्रवेश द्वार न्यू पैलेस यार्ड के दक्षिण की तरफ है। इसका रास्ता क्लोइस्टर के नीचे वाले तल में क्लाक रूम से होकर जाता है और अंत में कामन्स चैंबर कक्ष के दक्षिण की तरफ मैंबर्स लॉबी तक पहुंचता है। न्यू पैलेस यार्ड से स्पीकर कोर्ट तक भी पहुंचा जा सकता है और यहां से स्पीकर हाउस की मुख्य द्वार तक भी जाया जा सकता है ये मुख्य द्वार पैलेस के उत्तर पूर्वी कोने पर स्थित पवेलियन में है।

इमारत के पश्चिमी मुख्य द्वार के मध्य सेंट स्टिफन प्रवेश द्वार है, यह प्रवेश द्वार लोगों द्वारा चुने गये सदस्यों के लिए है। यहां से लोग गलियारों की एक श्रृंखला तथा सीढ़ियों की ओर जाते हैं। यह उनको मुख्य फ्लोर के तल और ओक्टेगोनल सेंटरल लॉबी जो कि पैलेस का केंद्र है, इसकी ओर ले जाती हैं। इस हॉल के दोनों ओर एक से बरामदे हैं। इन्हें फ्रेस्को पेंटिंग से सजाया गया है। यह बरामदे अगले कक्षों और दोनों सदनों के वादविवाद कक्ष की ओर ले जाते हैं। यहीं से सदस्य लॉबी और उत्तर के कॉमन्स कक्ष, कुलीन लॉबी और दक्षिण के लॉर्ड कक्ष की ओर जाया जा सकता है। दूसरी ओर भीत्ति चित्र से सजे गलियारे निचले वेटिंग हॉल के पूर्व की ओर ले जाते हैं और यहां कि सीढ़ियां पहली मंजिल की ओर ले जाती हैं, इस स्थान पर नदी के मुहाने पर 16 सामुदायिक कक्ष बने हुए हैं। इनके ठीक नीचे दोनों सदनों का पुस्तकालय हैं, मुख्य तल पर होने की वजह से यहां से थेम्स नदी को देखा जा सकता है।

नॉर्मन पोर्च

विक्टोरिया टॉवर के नीचे शासक प्रवेशद्वार ही पैलेस ऑफ वेन्समिन्स्टर के लिए भव्य प्रवेश द्वार है। यह राजा के इस्तेमाल के लिए ही बनाया गया था। राजा हर साल अपनी गाड़ी में बकिंघम पैलेस से यहां पर संसद की राजकीय शुरुआत के लिए अपना सफ़र शुरू करता है। राजशाही का मुकुट शासक द्वारा शाही रीति रिवाज़ों के लिए पहना जाता है, इसके साथ ही राजा के पास शाही तलवार और कैप ऑफ मेंटेंनेंस होती है। यह सब शाही अधिकार के सूचक हैं, जुलूस में राजा ये सब अपने साथ लेकर चलता है, अपनी बग्घी से ही महल की यात्रा करता है, राजा के साथ शाही घराने के लोग भी होते हैं और इन सबके बाद शाही बरामदे में समस्त शाही घराना एक साथ उपस्थित होता है। यह शासक प्रवेश द्वार बाहर से आने वाले शाही मेहमानों के लिए भी औपचारिक प्रवेश द्वार है और साथ ही महल के पब्लिक टूर के लिए भी एक शुरूआती बिन्दु है।

यहां से शाही सीढ़ियां मुख्य तल की ओर ले जाती हैं, जहां पर सलेटी ग्रेनाइट से बनी 26 सीढ़ियां हैं। यह मार्ग राज्य समारोह के समय खोला जाता है, इसमें तलवार पकड़े हुए दो घरेलू रेजिमेंट के घुड़ सवार अपने अपने दलों में जुलूस के साथ आते हैं, यह रेजिमेंट हैं घरेलु घुड़सवार फौज, जीवन रक्षक, ब्लू और शाही रेजिमेंट इनके आने पर एक प्रकार का शाही संगीत बजाया जाता है। यह मात्र दल हैं जो हथियारों के साथ पैलेस वेस्टमिन्स्टर में प्रवेश कर सकते हैं। जो कि आधिकारिक तौर पर शाही निवास स्थान है।

यह सीढ़ियां नॉरमन बरामदे के बाद पड़ती हैं, यह वर्गाकार ज़मीन का टुकड़ा है, यह अपनी गुच्छेदार आकृति और गहन भीतरी छत के कारण शेष खण्ड से अलग लगता है। यह जगह चारगुफा जैसे कक्ष हैं और इसका नक्काशीदार अग्रभाग के साथ इसकी मेहराब की डाट ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। इसके बरामदे का नामकरण इसकी सजावट के तरीके पर किया गया है। यह तरीका नॉरमन इतिहास का ही हिस्सा है। इस घटना में न तो नॉरमन के राजा का बिंब और न ही किसी भित्ती चित्र को क्रियाविंत किया गया है और इस थीम में केवल एक शीशे को दिखाया गया है जिसमें विजेता विलियम की छवि ही प्रतिबिंबित होती है। इस कक्ष में रानी विक्टोरिया को दो बार दिखाया गया है, एक जगह किसी शीशे में रानी को एक जवान स्त्री के रूप में दिखाया गया है और दूसरी जगह रानी को अपनी मृत्यु के निकट हाउस ऑफ द लॉर्ड के सिंघासन पर बैठे दिखाया गया है। यह सब जीन जोसेफ बेंजामिन कांस्टेंट की 1900 पेंटिंग वाली कॉपी का एक हिस्सा है, जो कि पूर्व की दीवार पर टंगी है। इस कक्ष में ऐसे सोलह स्तंभ हैं जहां पर हाउस ऑफ लॉर्ड्स के पूर्व प्रधानमंत्री की मूर्ति बनी हुई है, यह मूर्तियां हैं अर्ल ग्रे और सेलिस बरि की मारक्यों. सीढ़ियों के दूसरी तरफ दो दरवाज़े हैं जिनमें से एक सीधा शाही गैलरी की तरफ ले जाता है और दूसरा रोबिंग रूम पर जाकर खुलता है।

रानी का रोबिंग कक्ष

रानी का रोबिंग कक्ष पैलेस के समारोह वाले हॉल के दक्षिणी सिरे पर है और यह इस इमारत के दक्षिणी मुख्य द्वार के केंद्र के बड़े हिस्से को घेरता है। इसके ठीक सामने विक्टोरिया गार्डन है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, यह उस स्थान पर पड़ता है जहां पर शासक आधिकारिक पोशाक पहने और शाही मुकुट को सर पर धारण किये हुए पार्लियामेंट की स्टेट ओपनिंग की घोषणा करते हैं। इस सुंदरता से सजाये गये कक्ष के आर्कषण का मुख्य केंद्र बिंदु राजा का सिंघासन होता है। राजा यहां पर तीन सीढ़ियां के ऊपर स्थित अपने सिंघासन पर स्कॉट लैंड, इंगलैंड, आयरलैंड के सैनिकों की सुरक्षा में इन राष्ट्रों के फूलों के प्रतीक से सजे मंडप पर बैठता है। इस सिंघासन के पीछे बैंगनी रंग का मखमली चखौटा होता है, इस चखौटे पर रॉयल स्कूल ऑफ एंब्रोडरी द्वारा सुंदर कढ़ाई का काम किया गया है। इस जगह सितारों और वी आर मोनोग्राम की कढ़ाई की गई है। एडवर्ड बैरी ने कुर्सी, तकिया और उसके पीछे के हिस्से पर भी कढ़ाई की हुई है। और कक्ष के चारों तरफ अलंकृत पत्थर लगाकर आग की जगह बनाई गई है। इस जगह पर सेंट जोर्ज और सेंट माइकल के चमकती हुई मूर्ति बनाई गई है।

राजा ऑर्थर की कहानी ही इस कक्ष की सजावट की थीम बनाई गई है। कई विक्टोरियन इसे अपनी राष्ट्रीयता का स्रोत मानते हैं। विलियम डायस द्वारा 1864 और 1848 के बीट चित्रित की गई पांच मूर्तियां इस कक्ष की दीवारों को सजाती हैं। यह मूर्तियां राजा की कहानी का रूपात्मक दृष्य चित्रित करती है। दोनो दरवाजों के बीच लगा बड़ा चित्र पर बना हर दृष्य राजा की बहादुरी को दिखाता है और इसे एडमिशन ऑफ सर ट्रिस्ट्रम टू द राउंड टेबल का नाम दिया गया है और साथ ही यहां के आतिथ्य संसकार के दृष्यों को भी दिखाया गया है। यहां पर लगे सात दृष्य मान्यता प्राप्त हैं जब कि बाकि के दो दृष्य चित्रकार की मृत्यु हो जाने के कारण अधुरे ही रह गये थे। इसके अलावा फ्रैंज जेवर विंटर हॉलटर द्वारा बनाये दीवारों पर बने भित्ती चित्र रानी विक्टोरिया और प्रिंस एलबर्ट को सिंघासन पर दर्शाते हैं। इस कक्ष में की गई बाकी साज सज्जा भी राजा से ही प्रेरित है। पेटिंग के नीचे अठारह श्रंखलाओं वाली जो बेस रिलीफ है इसे हेनरी हुग आमर्सटेड द्वारा ओक पर उकेरा गया है और छत के नीचे जो चित्र वल्लरी लगी हुई है, ये राउंड टेबल की सेनाओं के घोड़ों को दर्शाती है। भीतरी छत को भी राजकीय घोषणाओं के बिल्लों से सजाया गया है और बिल्कुल इसी तरह से इसकी लकड़ी का आंगन भी है, जिसे ठीक इसी प्रकार से कालीन द्वारा सजाया गया है।

शाही गलियारा

रोबिंग कक्ष के ठीक दक्षिण में शाही गलियारा है। इस33.5 x 13.7 मीटर (110 x 45 फीट) पैलेस के बड़े कक्षों में से एक है। इसका मुख्य उद्देशय पार्लियामेंट के शाही की स्टेट ओपनिंग के शाही जुलूस के तौर पर मंच उपलब्ध करवाना है। इस जूलूस को जनता सड़क के दोनों किनारों पर लगी कुर्सियों पर बैठ कर देखती है। इसको तब भी इस्तेमाल किया जाता है जब राज्य के बाहर से राजनीतिज्ञ पार्लियामेंट को संबोधित करने के लिए आते हैं। और साथ ही बाहर से आने वाले शाही मेहमानों की अगुआई के लिए भी इसे प्रयोग में लाया जाता है। और ल़र्ड चांसलर के नाश्ते के लिए तो इसे कई बार इस्तेमाल किया जाता है। पूर्व में यह हाउस ऑफ लॉर्ड्स के कई कुलीन जन द्वारा कई क्रायक्रमों के लिए एक मंच की तरह प्रयोग में लाया जाता था। शाही गैलरी में संसद के लेखागार को दस्तावेजों को भी प्रकाशित किया गया है (चालर्स 1 के डेथ वारंट सहित) और यहां पर लगी कुर्सियां और बैठने की अलग व्यवस्था वाद विवाद कक्ष के पास लॉडस के सदस्यों के लिए सुविधा जनक है।

शाही गलियारे की साज सज्जा की योजना ब्रिटिश मिलिट्री के इतिहास में अहम क्षणों को दर्शाती है और इसकी दीवारें डेनियल मैक्लिस द्वारा बनाई गयी दो बड़ी पेंटिग से सजी हैं जिनका आकार 13.7 x 3.7 मीटर (45 x 12 फीट) है। यह दोनो डेथ ऑफ नेलसन ( जिसमें 1805 के समय तराफलगढ़ की युद्ध भूमि में लॉर्ड नेलसन के अंतिम संस्कार को दर्शाया गया है) और द मीटिंग ऑफ वेलिंगटन एंड ब्रूचर (इसमें 1815 में वेलिंगटन के राजा की युद्ध भूमि में गिबहार्ड लिबरेचेट की ब्लूचर पर वाटर लू में हुई विजय को दर्शाया गया है). अन्य कई करणों से पर मुख्य रूप से वातावरण प्रदूषित होने के कारण यह सभी भित्ती चित्र बहुत तेजी से पूरी तरह से बिगड़ गये और आज इसी प्रदूषण की वजह से यह सब रंग में एक ही जैसे लगते हैं। इसके बाद बाकी के भित्ती चित्रों को हटा दिया गया। और यहां कि दीवारें जोर्ज 1 के बाद से राजा और रानियों कि तस्वीरों से भरी हुई हैं। यहां कि दीवारों पर सेना के रंगों के अलावा आठ चमकते हुए केयन के पत्थर हैं। जोन बर्नी फिलिप नक्काशी किये गये यह पत्थर गैलरी के रास्ते में ही दरवाजों एवं खिड़कियों पर लगें हुए हैं। यहां हर जगह एक राजा को दर्शाया गया है जिसके शासनकाल के दौरान एक महत्वपूर्ण लड़ाई या युद्ध लड़ा गया था। 13.7 मीटर (45 फीट) बरामदे के ऊपर की तरफ जो पट्टी दार भीतरी छत है यह ट्यूडर रोज़ और लाईन को दर्शाती है। और उपर लगीं शीशे की खिड़कियां पर इंगलैंड और स्काटलैंड के सैनिको का सुदंर चित्रण है।

राजकुमार का कक्ष

राजकुमार का कमरा शाही गैलरी और लार्ड कक्ष के बीच में एक छोटा साउपकक्ष है। इसका नामकरण वेन्समिन्स्टर के पुराने पैलेस में पार्लियामेंट से सटे कक्ष के नाम पर किया गया है। अपनी स्थिती के कारण यह वो जगह है जहां पर लार्ड के सदस्य हाउस के व्यापार पर बातचीत करने के लिए आते हैं। यहां पर कुछ ऐसे दरवाजे भी हैं जो कक्ष से बाहर हाउस ऑफ लार्ड की डिवीजन लॉबी तक ले जाते हैं और इसके साथ साथ कई अन्य महत्तवपूर्ण कार्याल्यों का भी रास्ता यहीं से पड़ता है।

राजकुमार के कक्ष की थीम ट्यूडर का इतिहास है और कक्ष पर लगीं 28 तेल के रंगों से बनी तस्वीरें ट्यूडर के राज्य के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। यह रिचर्ड बुरचट और उसके लोगों का काम है और इसे तैयार करने के लिए पूरी कहानी पर अच्छी मेहनत की गई है। और इस उम्दा काम की वजह से ही सन् 1856 में यहां पर नेशनल पोर्टरेट गैलरी की स्थापना की गई थी। दीवार पर तस्वीर के नीचे सन् 1855–57 में विलियम थीड द्वारा बनाये गये तांबे के बास रीलीफ लगे हुए हैं। इसमें लगे हुए दृष्यों में से हैं, द फील्ड ऑफ द क्लाथ ऑफ गोल्ड, द एस्केप ऑफ मैरी, क्वींस ऑफ स्काट्स और रेली स्प्रेडिंग हिज क्लोक एज ए कारपेट फॉर द क्वीन . तस्वीरों के उपर खिड़कियों के स्तर पर कुछ प्रतियां लगी हुई हैं जो 1834 में हाउस ऑफ लार्ड में हुई तबाही को दर्शाती हैं और 1588 में हुई स्पैनिश अरमाडा की हार को भी दर्शाती है। इस प्रोजैक्ट को 1861 में कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया था (उस समय तक केवल एक ही पेंटिंग पूरी हो पायी थी) और 2007 अगस्त 2010 के अनुसार  तक, फिर इस काम को शुरू नहीं किया गया। यह सभी छह की छह तस्वीरें पूरी हो चुकी हैं और शाही गैलरी में प्रदर्शन के लिए लगाई गई हैं। यह सभी पेंटिंग इसी समय के दौरान ही राजकुमार के कक्ष में लगाई जानी थीं।

इस कक्ष में रानी विक्टोरिया की भी मूर्ति लगाई गई है। यहां पर रानी राज दंड और लॉरल के साथ सिंघासन पर बैठीं हुई हैं। यह दर्शाता है कि रानी ही सरकार और शासन चलाती है। यह दृश्य दयालुता और न्याय का रूपक है। यह दृश्य जहां तलवार लिए ताकत को दर्शाता हैं वहीं यह दृश्य सद्भावना और दयालुता को भी दर्शाता है। 1855 में सफेद पत्थर से बनी यह मूर्ति जॉन गिबसन ने बनाई है। यह मूर्ति राजकुमार के कक्ष में अपनी उचांई2.44 मीटर (8 फीट) और आकार में राजकुमार के कक्ष के लिए बिल्कुल उपयुक्त है और 1955 एवं 1976 के बीच यहां पर इन मूर्तियों का भण्डारन खत्म हो जाता है। हालांकि शाही गैलरी (जहां पर पार्लियामेंट की स्टेट ओपनिंग के लिए शाही जुलूस की तैयारियां होती हैं) के महराबदार पत्थर वाले रास्ते के दूसरी तरफ जो दरवाज़े हैं उनका आकार और अपने दल में स्थिती यह दर्शाती है कि यह सब दूर से देखने के लिए ही बनाये गये हैं। यह सब प्रतिकात्मक रूप से राजा की कर्तव्यों और शाही गैलरी में भाषण देने के लिए उनके आने जाने के तरीके को दर्शाती हैं।

लॉर्ड्स चैंबर

हाउस ऑफ लॉर्ड्स का प्रकोष्ठ पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर के दक्षिणी भाग में स्थित है। इसके कक्षों को बहुत ही भव्य ढंग से सजाया गया है।13.7 x 24.4 मीटर (45 x 80 फीट) चैंबर की सीटों, के साथ साथ महल में लार्ड्स की तरफ वाले भाग के अन्य फर्नीचर लाल रंग के हैं। चैंबर के ऊपरी भाग को अलंकृत कांच के खिड़की लगाकर और छह व्यंजनापूर्ण भित्तिचित्रों के द्वारा, जो धर्म, शौर्य और कानून का प्रतिनिधित्व करते हैं, से सजाया गया है।

चैंबर के दक्षिण छोर पर अलंकृत सोने का मंडप और सिंहासन हैं, हालांकि सैद्धांतिक रूप से सार्वभौम किसी भी बैठक के दौरान सिंहासन पर बैठ सकते हैं। केवल संसद की राजकीय उद्घाटन में भाग लेता/लेती है। शाही परिवार के अन्य सदस्यों, जो राजकीय उद्घाटन में भाग लेते हैं, वे सिंहासन के बगल वाले राज्य कुर्सियों का उपयोग कर सकते हैं और उनके 'मित्रों के पुत्र को हमेशा के लिए सिंहासन के चरणों में बैठने का अधिकार हैं। सिंहासन के सामने ऊन की थैलियाँ, एक पीठविहीन और हाथविहीन लाल रंग का गद्दा, जिसमें ऊन भरा हुआ हैं, रखी गईं हैं, जो ऊन व्यापार के ऐतिहासिक महत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं और सभा की अध्यक्षता करने वाले अधिकारी के (सन 2006 के बाद से लार्ड के अध्यक्ष द्वारा, लेकिन ऐतिहासिक रूप से लार्ड के चांसलर या एक उपाध्यक्ष) द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं। हाउस गदा, जो शाही सत्ता का प्रतिनिधित्व करता है, उसे ऊन की थैलियों की पीठ पर रखा गया है। ऊन की थैलियों के सामने न्यायाधीश का ऊंनी गद्दा हैं, लाल रंग का एक विशाल ऊनी गद्दा जो प्रारंभ में राजकीय उद्घाटन के दौरान कानून के लार्ड्स द्वारा अधिकृत कर लिया जाता था (जो हाउस ऑफ लार्ड्स के सदस्य थे). और उसके बाद क्रमश: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और अन्य (चाहे एक सदस्य हो या नहीं) न्यायाधीशों के द्वारा अधिकृत किया जाता था, सरकार की न्यायिक शाखा प्रतिनिधित्व करने के लिए. सदन की मेज, जिस पर लिपिक बैठते हैं, वह सदन के सामने हैं।

सभा के सदस्य कक्ष के तीन ओर लाल बेंच पर बैठते हैं। लॉर्ड्स अध्यक्ष के दाईं तरफ आध्यात्मिक पक्ष और बाएँ तरफ अस्थायी पक्ष वाले बैठते हैं। लॉर्ड्स के आध्यात्मिक सदस्य (इंग्लैंड के स्थापित चर्च के आर्क विशप और बिशप) सभी आध्यात्मिक छोर की ओर बैठते हैं। लॉर्ड्स के अस्थायी सदस्य (रईस) पार्टी संबद्धता के अनुसार बैठते हैं,: सरकार की पार्टी के सदस्य आध्यात्मिक पक्ष की ओर बैठते हैं, जबकि विपक्ष के सदस्य अस्थायी सदस्यों की ओर बैठते हैं। कुछ साथी, जो कोई पार्टी से संबद्धता नहीं रखते है वे ऊन की थैलियों विपरीत सदन के बीच में बेंच पर बैठते हैं, जिन्हें क्रास बेंचर के रूप में जाना जाता हैं।

लार्ड्स का चैम्बर राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित होने वाले आयोजनों का स्थल हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण संसद का राजकीय उद्घाटन हैं, जो कि प्रत्येक वार्षिक संसदीय सत्र के आरम्भ में आयोजित किया जाता हैं, यह या तो प्रत्येक आम चुनाव के बाद या शरद ऋतु के आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर सरकार के प्रत्येक संवैधानिक अंग का प्रतिनिधित्व किया जाता हैं: मुकुट (शासक की उपस्थिति में साहित्यिक और अलंकारिक दोनों ढंग से), अध्यात्मिक और अस्थायी लार्ड्स और कॉमन्स (जो एक साथ मिलकर विधायिका का निर्माण करते हैं), न्यायपालिका (यद्यपि अधिकांश न्यायाधीश संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं होते हैं) और कार्यकारी (जिसमें सरकारी मंत्री और शासक की उपस्थिति के लिए उपस्थित औपचारिक सैन्य ईकाई के साथ बड़ी संख्या में अथितियों को शाही गैलरी में आमंत्रित किया जाता हैं, जो कि चैंबर से सटे हुए ही हैं। शासक सिंहासन पर बैठे हुए ही भाषण देता है, जिसमें आगामी संसदीय सत्र के लिए विधायी एजेंडा वर्ष के लिए सरकार के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। कामन्स लार्ड्स के परिचर्चा स्तर पर प्रवेश नहीं कर सकते हैं, इसके स्थान पर उनके सदन के बहार गलियारे से सदन की कार्यवाही देखने की अनुमति प्राप्त होती है, जिसके दरवाजे के अन्दर होता है। एक छोटा सा विशुद्ध औपचारिक समारोह प्रत्येक संसदीय सत्र के अंत में आयोजित किया जाता हैं, जिसमें शासक का प्रतिनिधित्व आयुक्तों के एक समूह द्वारा किया जाता है।

पीयर्स लॉबी

लॉर्ड्स चैंबर के सीधे उत्तर में 'पीयर्स की लॉबी है, एक डेवढ़ी जहां सदन की बैठकों के दौरान लॉर्ड्स अनौपचारिक चर्चा या मामले पर बातचीत कर सकते हैं, साथ ही साथ द्वारपाल से सन्देश प्राप्त कर सकते हैं, जो चैंबर में पहुँच को नियंत्रित करता है। लॉबी एक वर्गाकार कक्ष हैं, जिसका प्रत्येक पक्ष समान लम्बाई का हैं, 11.9 मीटर (39 फीट)और ऊंचाई में 10 मीटर (33 फीट), भी समान हैं। जिसकी मुख्य विशेषता फर्श का केन्द्रीय टुकड़ा हैं, जिसमें एक उज्ज्वल ट्यूडर डर्बीशायर पत्थर से बना गुलाब हैं जो कि उत्कीर्ण पीतल की एक अष्टकोना के भीतर निर्धारित किया जड़ा हुआ है। बाकी बची हुई मंजिल मटचिनिया हेरलडीक डिजाइन और लैटिन आदर्श वाक्य के टाइल्स के से सुसज्जित है। दीवारों को सफेद पत्थरों से सजाया गया है और प्रत्येक में द्वार के लिए छिद्र किया गया हैं। उनके ऊपर मेहराब पर हथियार प्रदर्शित किये गये हैं जो विभिन्न छह शाही राजवंशों ने रानी विक्टोरिया के शासनकाल तक शासन किया था (सक्सोन, नॉर्मन, प्लान्तागेनेट, ट्यूडर, स्टुअर्ट और हनोवेरियन) का प्रतिनिधित्व करते हैं और बीच में, खिड़कियाँ हैं जिसमें इंग्लैंड के प्रारंभिक कुलीन परिवारों को प्रदर्शित किया गया हैं।

दरवाजे में से एक दक्षिण की ओर खुलता हैं जो लार्ड्स चैंबर में ले जाता है-वह सबसे शानदार है और सबसे अधिक सोने का पानी और सजावट भरा हैं, जिसमें शाही हथियार भी शामिल है। यह पीतल के द्वार से संयुक्त हैं और अलंकृत छिद्रित और जड़ी दरवाजे की एक जोड़ी के साथ वजन से जुड़ा हुआ है1.5 टन (1.7 लघु टन). बगल के दरवाजे, जिसमे ताले लगे हुये हैं, गलियारे में खुलते हैं, इसके पूर्व में विधि के लार्ड्स का गलियारा हैं, जो पुस्तकालय तक जाता हैं और पश्चिम के पास मूसा कक्ष, विशाल समितियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

उत्तर में साथियों का गुंबददार गलियारा हैं, जो चार्ल्स वेस्ट कोप के द्वारा निर्मित आठ भित्ति चित्रों से युक्त हैं, जिसे अंग्रेज़ी गृहयुद्ध के काल के आसपास की अवधि के ऐतिहासिक दृश्य चित्रण से सजाया गया है। 1856 और 1866 के मध्य इन भित्तिचित्रों का निर्माण किया गया था और प्रत्येक चित्र और प्रत्येक दृश्य, "विशेष रूप से संघर्ष को दर्शाती है जिसके माध्यम से राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानियों ने जीत प्राप्त की थी।" इन उदाहरणों में शामिल हैं, अध्यक्ष लेंथाल्ल के द्वारा चार्ल्स प्रथम के के खिलाफ कॉमन्स के विशेषाधिकार पर जोर दिया जाना, जब पांच सदस्यों को जब्त किया गया था, जो निरंकुश शासन के विरूद्ध प्रतिरोध कर रहे थे। और न्यू इंग्लैंड के तीर्थ पिता के आरोहण जो पूजा की स्वतंत्रता के सिद्धांत की मिसाल पेश करती हैं।

केंद्रीय लॉबी

केन्द्रीय लॉबी, का मूल नाम "अष्टकोना हॉल" इसके आकर के कारण हैं, केंद्रीय लॉबी वेस्टमिन्स्टर पैलेस का दिल है। यह केन्द्रीय टॉवर के सीधे नीचे स्थित हैं और दक्षिण में लार्ड्स की सभा और उत्तर में सेंट स्टीफन हॉल और पश्चिम में सार्वजनिक प्रवेश करने के लिए हाउस ऑफ कामन्स के बीच एक व्यस्त चौराहे रूपों, उत्तर, हाउस ऑफ कॉमंस और निम्न प्रतीक्षा हॉल और पूर्व में पुस्तकालयों के चौराहों पर स्थित हैं। इसके दो बहस कक्षों के बीच आधे रास्ते पर स्थिति होने के कारण संवैधानिक विचारक एरस्कीन मे ने लाबी को "ब्रिटिश साम्राज्य के राजनीतिक केंद्र, " के रूप में वर्णित किया है। और महान झाड़ फ़ानूस के नीचे एक व्यक्ति को खड़ा कर दिया जाये जो शाही सिंहासन और अध्यक्षपीठ दोनों को देखा सके, बशर्ते कि बीच के सभी दरवाजे खुले हो. यहां संघटक बिना किसी पूर्व सूचना के संसद के अपने सदस्यों से मिल सकते हैं, और यह प्रथा लॉबिंग के उत्पति से सम्बंधित मूल कारणों में से एक हैं। इस हॉल में अध्यक्ष के जुलूस के लिए एक रंगमंच भी हैं, जिससे सदन के प्रत्येक बैठक से पूर्व यहाँ से होकर कॉमन्स चेंबर तक जाता हैं।

केन्द्रीय लॉबी की माप18.3 मीटर (60 फीट) सतह से22.9 मीटर (75 फीट) लेकर केन्द्रीय गुंबददार छत तक जाती हैं। गुम्बद की पसलियों के बीच का पैनल नक्काशीदार वेनेशियन शीशे से ढका हुआ हैं जो पुष्प प्रतीक और हेरलडीक बैज को प्रदर्शित करते हैं। और पसलियों के चौराहों में भी आकाओं के हेरलडीक प्रतीक खुदी हुई हैं। लॉबी की हर दीवार एक से अलंकृत मेहराब से युक्त हैं जिसपर अंग्रेजी और स्कॉटलैंड के राजाओं की प्रतिमाओं उत्कीर्ण की गई हैं, वहाँ चार पक्षों पर दरवाजे हैं और उनके ऊपर तीम्प्न हैं जो संयुक्त राज्य घटक देशों के संरक्षक संत का प्रतिनिधित्व करते मोज़ाइक के साथ सजी हैं: इंग्लैंड के सेंट जॉर्ज, स्कॉटलैंड के सेंट एंड्रयू, वेल्स के सेंट डेविड और के लिए आयरलैंड के सेंट पैट्रिक . अन्य चार मेहराब उच्च खिड़कियों से युक्त हैं, जिसके नीचे पत्थर के स्क्रीन लगे है, हॉल के दो डाकघर में से एक पैलेस में स्क्रीन के पीछे स्थित है। उसके सामने 19 वीं शताब्दी के चार राजनेताओं के जीवन से भी बड़े प्रतिमाये लगे हुए हैं जिसमें चार बार प्रधानमंत्री रह चुके विलियम एवर्ट ग्लैडस्टोन भी शामिल हैं। जिस तल पर उन्हें स्थापित किया गया हैं वह जटिल पैटर्न में मिन्टों मटचिनिया टाइल से बनाया गया हैं, और उस पर लैटिन भाषा में 127 पंक्तियों की एक पाल्सम उत्कीर्ण हैं, जिसका अनुवाद हैं," भगवान ने इस हॉल को बनाया, परन्तु इसके बाद वे इसे भूल गए।".

पूर्वी कॉरिडोर सेंट्रल लॉबी से होते हुए निचली प्रतीक्षा हॉल की ओर जाता है और उसके छहपैनल 1910 तक रिक्त रहे, जब उन्हें ट्यूडर के इतिहास से दृश्यों से भरा गया। उन सभी को लिबरल साथियों के द्वारा भुगतान किया गया और हर काम एक अलग कलाकार का था, लेकिन एकरूपता प्राप्त कर ली गई थी भित्तिचित्रों में, धन्यवाद था बीच के लाल, काले और सोने की एक सामान् रंग पैलेट का और चित्रित पात्रों के लिए एक समान ऊंचाई हासिल की गई थी। एक दृश्य शायद ऐतिहासिक नहीं है: पुराने मंदिर बगीचे में से लाल और सफेद गुलाब तोड़ना, इन फूलों के मूल, लंकास्टर सदन और यॉर्क सदन के प्रतीकों के रूप में क्रमश चित्रित था, शेक्सपियर की हेनरी VI, भाग 1 से लिए गए हैं।

सदस्यों की लॉबी

केन्द्रीय लॉबी के आगे उत्तर में 'कॉमन्स का गलियारा है। यह अपने दक्षिणी समकक्ष से लगभग समान है और 17 वीं शताब्दी के नागरिक युद्ध और शानदार क्रांति के मध्य के राजनीतिक इतिहास के दृश्यों के साथ सजाया गया है। ये एडवर्ड मैथ्यू वार्ड द्वारा चित्रित किये गए थे और इनमें जो विषय शामिल थे वे हैं संत द्वारा स्वतंत्र संसद की घोषणा और लॉर्ड एवं कॉमन्स द्वारा विलियम और मैरी को दावत ह़ल में को मुकुट देना . उसके बाद महल के लॉर्ड्स वाले भाग के समान ही एक अन्य एंटीचैंबर भी है, जिस्सका नाम है मेम्बर्स लॉबी. इस कक्ष में, संसद के सदस्य चर्चाएँ या वार्ता करते थे और अक्सर मान्यता प्राप्त पत्रकारों से बातचीत करते थे, इसे सामूहिक रूप से "लॉबी" के रूप में जाना जाता है।

यह कक्ष साथियों के लॉबी के समान ही है लेकिन डिजाइन में साधारण और थोड़ा बड़ा है, यह हर दिशा में घन13.7 मीटर (45 फीट) की आकृति में है 1941 में बम विस्फोट के भारी नुकसान के बाद, [186] इसे एक सरल शैली में फिर से बनाया गया था, कुछ सबसे स्पष्ट फ़र्श पर, जो लगभग पूरी तरह से सादा है। कॉमन्स चैंबर की तरफ जाते हुए दरवाजे के तोरण को युद्ध की बुराइयों का एक चेतावनी के रूप में बिना मरम्मत के छोड़ दिया गया है और यह अब मलबे आर्क या चर्चिल आर्क के रूप में जाना जाता हैं। यह विंस्टन चर्चिल और डेविड लॉयड जॉर्ज के कांस्य मूर्तियों, वे प्रधानमंत्री जिन्होंने द्वितीय और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान क्रमशः ब्रिटेन का नेतृत्व किया था से सजाया गया है। इनमें से प्रत्येक का एक पैर विशिष्टरूप से चमकदार है जो की सांसदों की एक लंबी परंपरा का परिणाम है जो की उनके रास्ते में अपने प्रथम भाषण से पहले अच्छे भाग्य के लिए घिसते थे। लॉबी में 20 वीं सदी के अधिकतम प्रधानमंत्रियों की मूर्तियां और बस्ट हैं, साथ ही साथ दो बड़े बोर्ड शामिल हैं जहां सांसद पत्र और टेलीफोन संदेशों प्राप्त कर सकते हैं, यह सदन के इस्तेमाल के लिए डिजाइन किए गए हैं और इन्हें 1960 के शरुआत में स्थापित किया गया था।.

कॉमन्स चैंबर

हाउस ऑफ कॉमंस के चैंबर वेस्टमिन्स्टर पैलेस के उत्तरी छोर पर है, यह 1950 में खोला गया था विक्टोरियन कक्ष के 1941 में नष्ट होने के बाद और फिर से वास्तुकार गिल्स गिल्बर्ट स्कॉट के द्वारा बनाया गया। चैंबर के साधन 14 x 20.7 मीटर (46 x 68 फीट) लार्ड के चैम्बर की अपेक्षा और काफी साधारण हैं ; जैसे की बेंच, साथ ही पैलेस के कॉमन्स की तरफ़ का अन्य सामान, हरे रंग का है। जनता के सदस्यों को लाल बेंच पर बैठने की मनाही हैं। जो की सभा के सदस्यों के लिए आरक्षित हैं। राष्ट्रमंडल देशों जैसे की भारत, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के संसदों ने वही रंग योजना अपनाई है जिसके तहत निचला सदन हरे रंग का है और ऊपरी लाल रंग का.

चैंबर के उत्तरी छोर पर अध्यक्ष पीठ है, जो की ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल की तरफ से संसद के लिए उपहार है। वर्तमान ब्रिटिश अध्यक्षपीठ, हाऊस ऑफ कॉमंस द्वारा ऑस्ट्रेलिया को दी गई अध्यक्षपीठ के बिल्कुल समान है। यह उपहार यह ऑस्ट्रेलिया के संसद उद्घाटन समारोह में भेंट की गई थी। अध्यक्षपीठ के सामने सदन की मेज है, जिस पर क्लर्क बैठते हैं और जिस पर 'कॉमन्स औपचारिक गदा रखा गया है। प्रेषण बक्से, जिस पर की सांसद भाषण के दौरान झुकते है या नोट रखते हैं, न्यूजीलैंड से मिला एक उपहार है। सदन के दोनों तरफ हरे बेंच हैं, सरकार के पार्टी के सदस्य अध्यक्ष के दाई तरफ की बेंच पर बैठते है, जबकि विपक्ष बायीं तरफ बैठता है। हाऊस ऑफ लॉर्ड्स में क्रॉस बैंच नहीं है। यह सदन अपेक्षाकृत छोटा है, 650 में से 427 सदस्य ही इसमें बैठते हैं- बड़ी बहसों और प्रधानमंत्री के प्रश्नकाल के समय सांसद सदन के अंत में खड़े होते हैं।

परंपरा के अनुसार, ब्रिटिश सम्राट हाउस ऑफ कॉमंस के चैंबर में प्रवेश नहीं करता. ऐसा करने वाला अंतिम सम्राट जिसने 1642 में यह काम किया, वह किंग चार्ल्स प्रथम था। राजा ने उच्च राजद्रोह के आरोप में संसद के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करने की मांग की, लेकिन जब उसने अध्यक्ष, विलियम लेंथल से यह पूछा कि क्या वह इन व्यक्तियों के ठिकाने के बार में जानते हैं, तो लेंथल ने जो इसका जवाब दिया वह काफी प्रसिद्ध है, उन्होंने कहा: "महामहिम ये बात आपके खुश कर सकती है, इस स्थान पर मेरे पास न आँखें है देखने के लिए और न ही जीभ है बोलने के लिए, लेकिन सदन जैसा मुझे निर्देश देगा मैं वैसा कर सकता हूँ, मैं यहाँ का नौकर हूँ."

हाउस ऑफ कॉमंस के फर्श पर दो लाल रेखाये अलग अलग है, 2.5 मीटर (8 फीट 2 इंच) जो, मनगढ़ंत परंपरा के अनुसार, दो तलवार की लंबाई के बराबर हैं। कहा जाता है इसका का मूल उद्देश्य सभा में विवादों में द्वंद युद्ध होने से रोकना था। हालांकि, अब तक ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है जिसमे संसद के सदस्यों को चैंबर में तलवार लाने की अनुमति दी गई हो, ऐतिहासिक दृष्टि से, केवल शस्त्रों के सार्जेंट को तलवार लाने की अनुमति दी गई थी। ऐसा संसद में उनकी भूमिका का एक प्रतीक के रूप में दर्शाने के लिए किया गया था और सांसदों के क्लोकरूम में गुलाबी रिबन के लूप बने हैं जहाँ की सांसद चैंबर में प्रवेश करने से पहले अपनी तलवारें लटका सकें. जिन दिनों सज्जनलोग तलवार साथ रखते थे, चैंबर में कोई लाइनें नहीं होती थीं। प्रोटोकॉल के अनुसार सांसदों को बोलते समय इन लाइनों के पार जाने की इजाजत नहीं थी; यदि कोई सांसद इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे विपक्ष के सदस्यों द्वारा फटकार लगाई जाती है। इसी को "टू टो दी लाइन" अभिव्यक्ति के संभव मूल के रूप में माना जाता है, जो कि गलत है क्योंकि ये लाइनें तो हाल ही में जोड़ी गयी हैं।

वेस्टमिन्स्टर हॉल

1097 में बनवाया गया वेस्टमिन्स्टर हॉल, वेस्टमिन्स्टर महल का सबसे पुराना मौजूदा हिस्सा है, जो उस समय यूरोप में सबसे बड़ा हॉल था। शायद छत को खंभों के सहारे टेका गया था जिसमें तीन रास्ते थे, लेकिन राजा रिचर्ड ‖ के समय इस छत के स्थान पर शाही बढ़ई ह्यूज हरलैंड द्वारा हमरबीम की छत लगा दी गई, जिसे "मध्ययुगीन लकड़ी वास्तुकला का सबसे बड़ा निर्माण" माना जाता है। इस छत के कारण अब तीन गलियारों को मिलाकर एक विशाल खाली स्थान बना दिया गया, जिसके अंत में मंडप बने थे। नई छत को 1393 में शुरू किया गया था। रिचर्ड के वास्तुकार हेनरी येवेले ने मूल आयामों को छोड़ दिया, उन्होंने दीवारों को बदलते हुए पंद्रह राजाओं के बड़े आकार के प्रतिमाओं को उनके स्थानों पर लगाया. राजा हेनरी III के द्वारा पुनर्निर्माण 1245 में शुरू किया गया था लेकिन रिचर्ड एक सदी से भी अधिक समय तक निष्क्रिय था।

वेस्टमिन्स्टर हॉल इंग्लैंड में सबसे बड़ा मध्ययुगीन खुली छत वाला हॉल था। 20.7 x 73.2 मीटर (68 x 240 फीट) छत के लिए ओक की लकड़ी शाही हैम्पशायर और हर्त्फोर्द्शायर और सर्रे के जंगलो से और कुछ अन्य जगहों से आई थी, उन्हें सर्रे 56 किलोमीटर (35 मील) के फर्न्हम में जोड़ा गया था। लेखा रिकॉर्ड है में वैगन और बर्जेज का जिक्र है जिन्हें संयोजन के लिए बड़ी मात्रा में जुड़ी लकड़िया वेस्टमिन्स्टर पहुंचाई थी।

वेस्टमिन्स्टर हॉल में बहुत से आयोजन हुए हैं। यह मुख्यत: न्यायिक प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल होता था, इसे प्रमुखत: तीन सबसे महत्वपूर्ण कोर्ट के लिए इस्तेमाल किया गया था ; राजा की बेंच का न्यायालय, आम दलीलों का न्यायालय और दूतावास का न्यायालय। 1875 में इन अदालतों को उच्च न्यायालय में सम्मिलित किया गया, जो तब तक वेस्टमिन्स्टर हॉल में ही होती थी जबतक 1882 में इसे शाही न्यायालयों में स्थानांतरित नहीं किया गया। नियमित मुकदमों के अलावा.[213], वेस्टमिन्स्टर हॉल में अन्य महत्वपूर्ण मुकदमों का भी साक्षी रहा है, जिनमें महाभियोग जाँच और अंग्रेजी गृहयुद्ध की समाप्ति पर राजा चार्ल्स प्रथम की जांच, सर विलियम वालेस, सर थॉमस मोर, कार्डिनल जॉन फिशर, गाई फव्केस, स्टैफोर्ड के अर्ल, 1715 के बागी स्कॉटिश की बगावत और 1745 के विद्रोह और वॉरेन हेस्टिंग्स की जांच शामिल है।

वेस्टमिन्स्टर हॉल में समारोहिक कार्य भी हुए हैं। बारहवीं सदी से लेकर उन्नीसवीं सदी तक यहाँ नये सम्राटों के राज्याभिषेक के सम्मान में भोज आयोजित किए गए। अंतिम राज्याभिषेक भोज सन 1821 में किंग जॉर्ज चतुर्थ का था, उनके उत्तराधिकारी, विलियम चतुर्थ, ने इस विचार को त्याग दिया, क्योंकि उनकी समझ से यह बहुत महंगा था। हॉल को राजकीय और समरोहिक अंतिम संस्कार के दौरान राज्य के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस तरह का सम्मान आमतौर पर राजा और उनकी पत्नी के लिए आरक्षित था, बीसवीं शताब्दी में गैर राजपरिवार का केवल फ्रेडरिक स्लेइघ रॉबर्ट्स इस सम्मान को प्राप्त करने वाला व्यक्ति था, प्रथम अर्ल रॉबर्ट्स (1914) और सर विंस्टन चर्चिल (1965). हाल ही में 2002 में राजमाता महारानी एलिजाबेथ का पार्थिव शरीर इसमें रखा गया था।

वेस्टमिन्स्टर हॉल में दोनों सदनों ने महत्वपूर्ण सार्वजनिक अवसरों पर मुकुट के लिए समारोहिक व्याख्यान प्रस्तुत किया है। उदाहरण के लिए, एलिजाबेथ द्वितीय की रजत जयंती समारोह (1977) और स्वर्ण जयंती (2002) के अवसर पर, शानदार क्रांति की 300 वीं वर्षगांठ (1988) पर और दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति की पचासवीं सालगिरह (1995) पर संबोधन किया गया।

1999 में किये गये सुधारों के तहत, हाउस ऑफ कॉमंस ग्रैंड समिति कक्ष का उपयोग एक अतिरिक्त बहस कक्ष के रूप करता हैं जो वेस्टमिन्स्टर हॉल के बगल में है। (हालांकि यह मुख्य हॉल का हिस्सा नहीं है, आमतौर पर जैसा कि इसे कक्ष के रूप में स्वीकार किया जाता है।) बैठक को U-आकार में बनाया गया हैं, जो मुख्य चेंबर के सामने है, जिसमे बेंचों को एक-दुसरे के विपरीत रखा गया हैं। यह पद्धति वेस्टमिन्स्टर हॉल में आयोजित वाद विवाद के दलगत राजनीति से परे होने का प्रतीक है। वेस्टमिन्स्टर हॉल में हर हफ्ते में तीन बार बैठकें होती हैं, परन्तु विवादास्पद मामलों पे आमतौर पर चर्चा नहीं होती हैं।

अन्य कक्ष

प्रमुख तल पर दो आलीशान पुस्तकालय हैं, जहाँ से नदी दिखाई देती हैं, - लॉर्ड्स की सभा का पुस्तकालय और कॉमन्स की सभा का पुस्तकालय।

वेस्टमिन्स्टर महल में दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों के लिए राजकीय आवास बने हैं। अध्यक्ष का सरकारी निवास महल के उत्तरी छोर पर है; लॉर्ड चांसलर का आवास दक्षिणी छोर पर हैं। प्रत्येक दिन, स्पीकर और लॉर्ड स्पीकर अपने आवास से अपने कार्यालयों में जाने के लिए औपचारिक जुलूस में भाग लेते हैं

वेस्टमिन्स्टर के पैलेस में कई मधुशालाये, कैफ़ेटेरिया और रेस्तरां हैं, जिसके संबंध में अपने नियम हैं कि कौन उन सुविधाओं का उपयोग कर सकता है; उनमें से कई सदन की बैठक के दौरान कभी बंद नहीं होते है। वहाँ एक व्यायामशाला भी है और यहाँ तक कि एक बाल सैलून भी है; राइफल रेंज को सन 1990 के दशक में बंद कर दिया गया था. संसद में स्मृति चिन्ह की बिक्री की दुकान है जहाँ पर हाउस ऑफ कॉमंस के चाबी के छल्ले और चीन आइटम से लेकर हॉउस ऑफ कॉमन्स के शैम्पेन तक सभी कुछ मिलता है।

सुरक्षा

ब्लैक रोड का जेंटलमैन प्रवेशक हाउस ऑफ़ लार्ड्स के लिए सुरक्षा की देखरेख करता है और शस्त्रधारी सार्जेंट यहीं कार्य हाउस ऑफ कॉमंस के लिए करता है। हालांकि, ये अधिकारी अपने संबंधित सदनों के वास्तविक कक्षों के बाहर मुख्यतः औपचारिक भूमिका निभाते है। सुरक्षा मेट्रोपोलिटन पुलिस के वेस्टमिन्स्टर पैलेस के प्रभाग की जिम्मेदारी है, यह ग्रेटर लंदन क्षेत्र का पुलिस बल है। अभी भी परंपरा के अनुसार केवल सार्जेंट ही शास्त्र लेकर कामन्स चेम्बर में प्रवेश कर सकता हैं।

किसी विस्फोटक भरे वाहन के भवन से टकराने की बढ़ती हुई चिंता और संभावना के कारण सड़क मार्ग पर कंक्रीट अवरोध की एक श्रंखला सन 2003 में बिछाई गई। नदी के किनारों पर एक अपवर्जन जोन दूर तक फैला हुआ है 70 मीटर (77 गज़) जिसमें से किसी जहाज को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।

हाल ही में सुरक्षा उल्लंघनों की घटनाओं के बावजूद जनता के सदस्यों द्वारा हाउस ऑफ कॉमंस में 'स्ट्रेंजर्स गैलरी' का उपयोग किया जाना जारी है। आगंतुकों और उनके सामान को मेटल डिटेक्टरों के माध्यम से स्कैन किय जाता है। मेट्रोपोलिटन पुलिस की वेस्टमिन्स्टर पैलेस डिवीजन, जिसे राजनयिक सुरक्षा समूह से कुछ सशस्त्र पुलिस का भी समर्थन रहता है, [231] हमेशा महल में और इसके चारों ओर तैनात रहती हैं।

गंभीर संगठित अपराध और पुलिस अधिनियम 2005 के एक प्रावधान के तहत, 1 अगस्त 2005 के बाद से, नामित क्षेत्र के भीतर मेट्रोपोलिटन पुलिस के पूर्व अनुमति के बिना पैलेस के आसपास (1 किलोमीटर (0.6 मील)) के दायरे में विरोध प्रदर्शन का आयोजन करना गैरकानूनी है।

घटनाएं

वेस्टमिन्स्टर के पैलेस की सुरक्षा भंग करने का एक प्रसिद्ध असफल प्रयास 1605 में किया गया था जिसे गनपाऊडर प्लॉट कहते हैं। यह साजिश रोमन कैथोलिक भद्र जनों के एक समूह के बीच का षड्यंत्र थी, जिससे कि प्रोटेस्टेंट राजा जेम्स की हत्या कर उसकी जगह एक कैथोलिक को सम्राट नियुक्त कर फिर से इंग्लैंड में रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म को स्थापित किया जाये. इस काम को करने के लिये, उन लोगों ने हॉउस ऑफ लार्ड्स के नीचे बहुत बड़ी मात्र में बारूद छिपा दिया जिसे उन षडयंत्रकारियों में से एक लड़के, फॉक्स के द्वारा संसद के 5 नवम्बर 1605 को राजकीय उद्घाटन के दौरान विस्फोट करना था। यदि विस्फोट सफल होता तो उसमें, महल नष्ट हो जाता और राजा और उसके परिवार और अभिजात वर्ग के अधिकांश सदस्य मारे जाते. हालांकि, साजिश का भंडाफोड़ हो गया और साजिश के अधिकांश षडयंत्रकारियों को या तो गिरफ्तार कर लिया गया था या फिर मार डाला गया। बचे लोगों पर वेस्टमिन्स्टर हॉल में भयंकर राजद्रोह करने की कोशिश के लिये मुकदमा चलाया गया और उन्हें दोषी करार कर भीषण रूप से फांसी पर लटका दिया गया। तब से, महल के तहखाने की जाँच संसद के राजकीय उद्घाटन से पूर्व गार्ड के योमैन द्वारा की जाती हैं, यह राजा के विरूद्ध इसी तरह के किसी घटना से बचने के लिये पारम्परिक पूर्व सावधानी बरतने जैसा है।

पहले वाला पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर भी 1812 में एक प्रधानमंत्री की हत्या का स्थान रहा था। जब एक संसदीय जांच के दौरान हॉउस ऑफ कामन्स के लाबी में एक लिवरपूल व्यापारी, जॉन बेल्लिन्ग्हम ने स्पेन्सर पेर्सवल की गोली मरकर हत्या कर दी. ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों में पेर्सवल ही एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनकी हत्या कर दी गई।

न्यू पैलेस के साथ-साथ टावर ऑफ लन्दन 24 जनवरी 1885 को फिनीयाई बमों का निशाना बने. प्रथम बम जो कि डायनामाईट का बना था और एक काले रंग के बैग में रखा हुआ था। इस बम को एक दर्शक ने देख लिया था जो संत मेरी अंडर क्राफ्ट की सीढ़ियों के पास रखा हुआ था। पुलिस के सिपाही विलियम कोले उसे नए पैलेस तक ले जाने का प्रयास किया परन्तु बैग इतन गर्म हो गया था कि कोले ने उसे वही पटक दिया, परिणामत: बम फट गया। विस्फोट के कारण फ़र्स में बड़ा सा गड्डा हो गया1 मीटर (3 फीट) और बड़े परिधि में चैपल का छत भी क्षतिग्रस्त हो गई, इसके साथ महल के खिड़कियों के कांच भी टूट गये जिसमें संत स्टेफन के पोर्च में लगे चित्रित शीशे भी शामिल हैं। कोल और उसका साथी पी सी काक्स जिसने उसकी मदद की थी, उस विस्फोट में बुरी तरह से घायल हो गये। इसके साथ ही कामन्स चेंबर में एक दूसरा विस्फोट भी हुआ,-परिणामत: इसके दक्षिणी भाग को काफी नुकसान पहुंचा, परन्तु इस विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ, क्योंकि उस समय वह स्थान खाली था। इस घटना के परिणामस्वरूप वेस्टमिन्स्टर हॉल को दर्शकों के लिए कई सालों तक बंद कर दिया गया और सन 1889 में कुछ प्रतिबंधों के साथ खोला गया, कि दोनों सदनों के बैठक के दौरान कोई भी दर्शक अन्दर प्रवेश नहीं कर सकता है।

17 जून 1974, एक प्रोवीजनल आईआरए द्वारा लगाया गया 9-किलोग्राम (20 पौंड) का बम वेस्टमिन्स्टर हॉल में फट गया। एक अन्य हमले में 30 मार्च 1979, एक प्रमुख कंजरवेटिव नेता एरे नीव, एक कार बम विस्फोट में मारे गए जब वे पैलेस के नई कार पार्क के बाहर निकल रहे थे। आयरिश नेशनल लिबरेशन आर्मी और प्रोवीजनल आई आरए ने दोनों ने हत्या की जिम्मेदारी ली, सुरक्षा बलों का पहले ही मानना था कि वे इसके लिए जिम्मेदार थे।

पैलेस भी कई बार राजनीति से प्रेरित 'हिंसक गतिविधियों' के कृत्यों का स्थान रहा है। जुलाई 1970 में, उत्तरी आयरलैंड में शर्तों के विरोध में आंसू गैस का एक कनस्तर हाउस ऑफ कॉमंस के चैंबर में फेंक दिया गया था। 1978 में, कार्यकर्ता याना मिन्तोफ़ और दूसरे असंतुष्टो ने घोड़े के खाद का बैग फेंक दिया, और जून 1996 में प्रदर्शनकारियों ने पर्चे फेंके. इस तरह के हमलों के बारे में [256] चिंता व्यक्त की गई और एक संभवित रासायनिक या जैविक हमले से बचने के लिए 'स्ट्रेंजर्स गैलरी' में एक ग्लास स्क्रीन का निर्माण करने का प्रस्ताव सन 2004 में पास किया गया।

नया अवरोध 'स्ट्रेंजर्स गैलरी के सामने वाले गैलरी को नहीं कवर करता है जो की राजदूतों, लार्ड के सदस्यों, सांसदों के मेहमानों और अन्य गणमान्य व्यक्ति के लिए आरक्षित है और मई 2004 में फादर 4 जस्टिस के प्रदर्शनकारियों ने इसी भाग से प्रधानमंत्री मंत्री टोनी ब्लेयर पर चूने के बम से हमला किया। इसके लिए उन्होंने आगंतुकों की गैलरी में प्रवेश पाने के लिए लगने वाली एक चैरिटी बोली में हिस्सा लिया था। इसके बाद से आगंतुकों के लिए दीर्घाओं में प्रवेश के नियम बदल दिए गए और अब जो लोग दीर्घाओं बैठने के इच्छुक होते हैं, उन्हें पहले एक सदस्य से लिखित पास लिखित प्रमाण लेना होता है जिसमें यह प्रमाणित करना होता है कि वह उस व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं। उसी वर्ष सितंबर में, लोमड़ी के शिकार पर प्रतिबंध के प्रस्ताव करने का विरोध कर रहे पांच प्रदर्शनकारियों ने चैंबर में दौड़ कर हॉउस ऑफ कॉमन्स सभा की कार्यवाही को बाधित किया।

यद्यपि हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स ऐसी घटनाओं से ज्यादातर बचा रहा है, लोकिन यह 1988 में इसका निशाना बन गया। विवादास्पद खण्ड 28, जो जो की स्कूलों में समलैंगिकता को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक प्रस्ताव था, पर बहस के दौरान तीन समलैंगिक प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक गैलरी से रस्सी द्वारा चैंबर में कूदकर कार्यवाही को बाधित किया।

विरोध महल के अन्दर तक ही सीमित नहीं रहा. 20 मार्च 2004 की सुबह दो ग्रीनपीस सदस्यों ने क्लॉक टॉवर पर चढ़ कर इराक युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन किया, इससे हाई प्रोफ़ाइल लक्ष्य के आसपास सुरक्षा के बारे में सवाल उठाये गए। मार्च 2007 में, ग्रीनपीस के चार अन्य सदस्यों ने एक क्रेन के माध्यम से पैलेस के छत के लिए अपने रास्ता बनाया, जिसे वेस्टमिन्स्टर ब्रिज की मरम्मत के लिए इस्तेमाल किया गया था। एक बार फिर उन्होंने एक 15-मीटर (50 फीट) ब्रिटिश सरकार के 15-मीटर (50 फीट)ट्रिडेंट परमाणु हथियार कार्यक्रम को अद्यतन की योजना के विरोध का झंडा फहराया. फरवरी 2008 में, प्लेन स्टूपिड समूह से पांच प्रचारक हीथ्रो हवाई अड्डे के विस्तार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इमारत की छत पर चढ़ गए। सांसदों और सुरक्षा विशेषज्ञों यह चिंता थी कि प्रदर्शनकारी कड़े सुरक्षा उपायों के बावजूद छत पर कैसे चढ़ गए और पुलिस का मानना था उन्हें अंदर से मदद मिली थी। अक्टूबर 2009 में, 45 ग्रीनपीस कार्यकर्ता पर्यावरण के उपायों के लिए वेस्टमिन्स्टर हॉल की छत पर चढ़ गए। लगभग पांच घंटे के बाद, उनमें से बीस नीचे आये, जबकि बाकी ने छत पर रात बिताई.

नियम और परंपराएं

खाना, पीना और धूम्रपान

पैलेस ने सदियों से कई नियम और परंपराओं चली आ रहीं हैं। हाउस ऑफ कॉमंस के कक्ष में 17 वीं सदी के बाद से धूम्रपान की अनुमति नहीं है। इसके परिणामस्वरूप [277], सदस्य इसके बदले सुंघनी ले सकते हैं और द्वारपाल इस उद्देश्य से अपने पास एक सुंघनी बक्सा रखते हैं। मीडिया की लगातार अफवाहो के बावजूद, 2005 के बाद से महल के अंदर कहीं भी धूम्रपान संभव नहीं हुआ है सदस्य कक्ष में खा या पी नहीं सकते हैं; इस नियम के अपवाद है राजकोष के चांसलर, जो शराब का एक पेय ले सकते हैं जब वे बजट का बयान दे रहे हों.

वेशभूषा

टोपी नहीं पहनी जाना चाहिए (हालांकि ऐसा पहले था, जब आदेश का एक मुद्दा उठाया जा रहा था), और सदस्य सैन्य सजावट या प्रतीक चिन्ह नहीं पहन सकता है। सदस्यों को अपनी जेब में अपने अपने हाथ रखने की अनुमति नहीं हैं। एंड्रयू रोबथान को 19 दिसम्बर 1994 को ऐसा करने के लिए सांसदों के विरोध का सामना करना पड़ा था। महल में तलवार नहीं पहन सकते हैं और प्रत्येक सांसद के क्लॉकरूम में हथियार रखने के लिए रिबन का लूप होता है

अन्य परंपराएं

अंधों के लिए गाइड कुत्तों; स्निफ़र कुत्तों, पुलिस घोड़ों और शाही अस्तबल से घोड़ों को छोड़कर कोई जानवर वेस्टमिन्स्टर पैलेस में नहीं जा सकता हैं।

हाउस ऑफ कॉमंस में बहस के दौरान भाषण नहीं पढ़ा जा सकता है, हालांकि नोट्स भेजे जा सकते हैं। इसी प्रकार, समाचार पत्र पढ़ने की अनुमति भी नहीं है। दृश्य एड्स को कक्ष में हतोत्साहित किया जाता है। कॉमन्स में वाहवाही करने की अनुमति भी सामान्य रूप से नहीं है। इस के लिए कुछ उल्लेखनीय अपवाद हैं, जब रॉबिन कुक ने 2003 में अपने इस्तीफे भाषण दिया था, जब प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, प्रधानमंत्री के प्रश्न पर आखिरी बार दिखाई दिये थे और जब अध्यक्ष माइकल मार्टिन ने अपना पद छोड़ते हुए 17 जून 2009 को भाषण दिया था।

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संस्कृति और पर्यटन

वेस्टमिन्स्टर पैलेस का बाहरी हिस्सा, खासकर क्लॉक टॉवर, दुनिया भर में जाना जाता है और लंदन में सबसे ज्यादा देखा जानेवाला पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर के साथ साथ, वेस्टमिन्स्टर एब्बे और सेंट मार्गरेट को विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी है। यह ग्रेड 1 में सूचीबद्ध इमारत भी है।

यद्यपि महल के अन्दर जाने के लिए कोई अनौपचारिक पहुंच नहीं है, लेकिन वहाँ प्रवेश करने के कई तरीके हैं। ब्रिटेन के निवासी हाउस ऑफ कॉमंस के गैलरी देखने के लिए स्थानीय सांसद से टिकट प्राप्त कर सकते हैं या हाउस ऑफ़ लॉर्ड की गैलरी देखने के लिए लॉर्ड से टिकट ले सकते हैं। यह भी संभव है कि ब्रिटेन के निवासी और विदेशी दर्शकों दोनों प्रवेश के लिए कतार लगा सकते हैं, लेकिन क्षमता सीमित है और वहाँ प्रवेश की कोई गारंटी नहीं है। कोई भी सदन "अजनबियों" को बाहर कर सकता हैं अगर वे अकेले में बैठने की इच्छा करता है। आम जनता भी कतार बना सकती है अगर वे कमैटी सत्र में बैठाना चाहते हैं, जहाँ परवेश निःशुल्क है और जगह आरक्षित नहीं की जा सकती है या वे अनुसंधान प्रयोजनों के लिए संसदीय अभिलेखागार देख सकते हैं। पहचान का सबूत उत्तरार्द्ध मामले में आवश्यक है लेकिन इसके लिए किसी सांसद को पहले से मिलाने की जरुरत नहीं है।

पैलेस के नि: शुल्क निर्देशित पर्यटन ब्रिटेन के निवासियों के लिए संसदीय सत्र के दौरान आयोजित किए जाते हैं, जो अपने सांसद या हॉउस ऑफ़ लार्ड के सदस्यों के माध्यम से आवेदन कर सकते है। यह यात्रा 75 मिनट की होती है और इसमें राजकीय कक्ष, दोनों सदनों के चेम्बर और वेस्टमिन्स्टर हॉल के कक्ष शामिल हैं। प्रदत्त पर्यटन (लंदन ब्लू बिल्ला पर्यटक गाइडों के नेतृत्व में [उद्धरण चाहिए]) गर्मी के अवकाश के दौरान ब्रिटेन और विदेशी पर्यटकों दोनों के लिए उपलब्ध हैं। ब्रिटेन के निवासी क्लॉक टॉवर देखने के लिए भी अपने संसद के स्थानीय सदस्य के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं; विदेशी पर्यटकों और छोटे बच्चे की अनुमति नहीं है।

वास्तु इतिहासकार डैन क्रुकशेंक ने अपने 2006 के बीबीसी के टीवी वृत्तचित्र श्रृंखला, ब्रिटेन की सर्वश्रेष्ठ बिल्डिंग के लिए अपने पांच विकल्पों में से एक महल के भी चुना. जिला, सर्किल और जुबली लाइन्स में निकटतम लंदन भूमिगत स्टेशन वेस्टमिन्स्टर है।

इन्हें भी देखें

  • ब्रिटिश संसद
    • हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स
    • हाउस ऑफ़ कॉमन्स
  • बकिंघम पैलेस
  • वेस्ट्मिन्स्टर शहर
  • टावर ऑफ़ लंदन
  • वाइटहॉल महल
  • वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली
  • वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी
  • वेस्ट्मिन्स्टर ब्रिज

टिप्पणियाँ

सन्दर्भ

पादलेख
संदर्भग्रन्थ
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  • Jones, Christopher (1983). The Great Palace: The Story of Parliament. London: British Broadcasting Corporation. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0563201786.
  • Macdonald, Peter (2004). Big Ben: The Bell, the Clock and the Tower. Stroud: Sutton Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0750938280.
  • Port, M. H., संपा॰ (1976). The Houses of Parliament. New Haven, Connecticut; London: Yale University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0300020229.
  • Quinault, Roland (1992). "Westminster and the Victorian Constitution". Transactions of the Royal Historical Society. 6. 2: 79–104. डीओआइ:10.2307/3679100. (सब्सक्रिप्शन आवश्यक)
  • Riding, Christine; Riding, Jacqueline, संपा॰ (2000). The Houses of Parliament: History, Art, Architecture. London: Merrell Publishers. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1858941127.
  • Wilson, Robert (2005) [1994]. The Houses of Parliament. Norwich: Jarrold Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1841650999.

अग्रिम पठन

  • Tanfield, Jennifer (1991). In Parliament 1939–50: The Effect of the War on the Palace of Westminster. London: Her Majesty's Stationery Office. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0108506406.

बाहरी कड़ियाँ

  • पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर से संबंधित विकिमीडिया कॉमन्स पर मीडिया
  • ऑफिशियल बेवसाइट ऑफ दी पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर
  • पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर स्क्वायर 360 इमेज (जावा)
  • वेस्टमिन्स्टर हॉल - ए वर्चूअल एक्सपीरियंस Archived 2016-05-23 at the वेबैक मशीन
  • "ए विक्टोरियन नॉवेल इन स्टोन" रोजमेरी हिल, दी वॉल स्ट्रीट जर्नल, 20 मार्च 2009


Text submitted to CC-BY-SA license. Source: पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर by Wikipedia (Historical)


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